कोविड-19 : *पी पी एन इंटर कॉलेज में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु निबंध प्रतियोगिता संपन्न* कानपुर: आज पी पी एन इंटर कॉलेज में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु निबंध प्रतियोगिता संपन्न हुई। इस संबंध में पी पी एन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव ने बताया कोविड-19 क्या है? कोरोनावायरस 2019 नोबेल कोरोनावायरस एक नई बीमारी है।जो चीन के वुहान में उत्पन्न हुई ।यह बीमारी नयी होने के कारण इससे बचाव के संसाधन भी हमारे पास काफी कम है। हालांकि यह सामान्य सर्दी और फ्लू के समान हैं।लेकिन कोरोनावायरस 2019 बहुत तेजी से फैलता है और पहले से ही इसे दुनिया भर में महामारी घोषित किया जा चुका है। 100 में से लगभग 80- 90 लोग जिसे कोरोनावायरस हुआ वह सामान्य सर्दी की तरह ही ठीक हो जाएंगे लेकिन 10 से 20% लोगों को निमोनिया हो सकता है जिसके कारण उन्हें अस्पताल तक जाना पड़ सकता है इनमें से 5% से 8% लोगों को आ ई सी यू में भर्ती करना पड़ सकता है जबकि 2 से 3% लोगों की मौत हो सकती है ।मरने वालों में ज्यादातर वही बूढ़े होंगे ।जो कमजोर होंगे या जिन्हें दिल की बीमारी डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी है ।महामारी के दौरान इस बीमारी से ग्रसित लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।व्यक्ति को कैसे होता है कोरोनावायरस- यह बीमारी काफी संक्रामक है और जो कर्मचारी महामारी के दौरान भी कार्यों के लिए बाहर जा रहे हैं। उन्हें भी हो सकती है यह किसी संक्रमित व्यक्ति के स्पर्श से फैलता है या किसी ऐसी वस्तु या ऐसे स्थान को स्पर्श करने से जहां संक्रमित व्यक्ति ने खांसी और छिका हो।इस तरह की सतहों पर यह कोरोनावायरस कई घंटों तक जीवित रहता है।इस बीमारी के हवा से भी फैलने की संभावना है क्योंकि खासने और छीकने से हवा में 2 मीटर दूर तक बूंद फैलती है। ऐसे में इन परिस्थितियों में भी काम करने में काफी जोखिम रहता है। इसे कैसे रोका जाए-हाथ साफ रखना हाथ कई जगहों को छूते हैं।फिर इन हाथों को ही हम आंख ,नाक,और मुंह पर लगाते हैं।जिस कारण वायरस हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है।इसलिए वायरस से बचने के लिए 2 घंटे में कम से कम एक बार हाथों को अच्छे से धोना जरूरी है।1.यदि आपके पास पर्याप्त पानी है तो अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोए साबुन को अपनी उंगलियों के चारों और उनके बीच और नाखूनों के नीचे अपनी हथेलियों पर और अपने हाथों के पीछे की तरफ से लगभग 20 सेकंड तक रगड़े और फिर उन्हें धो ले।2-यदि आपके पास हैंड सैनिटाइजर है तो अपने हाथों पर लगभग एक चम्मच हैंड सेनीटाइजर डालें और हाथों की उंगलियों हाथों के बीच और नाखूनों पर और हाथों के पीछे से लगभग 20 सेकंड तक रगड़े लेकिन सैनिटाइजर के उपयोग के बाद हाथों को ना धोए।3-यदि आपके पास पानी का बहुत ही ज्यादा अभाव है तो एक प्लास्टिक की बोतल ले और सुबह उसमें साबुन वाला पानी भर दे। तो साबुन के पानी से भरी बोतल को उल्टा लटका है और ढक्कन में छेद करें इसमें से जो पानी निकलेगा उसे अपने हाथ पर डालें और अपनी हथेली पर और हाथों को पीछे अपनी उंगलियों के बीच हथेली पर और हाथों के पीछे अच्छे से रगड़े ।इसे 20 सेकंड तक करें फिर इसे एक थैलियों पर पोछ लें ।इसे हर 2 घंटे में 6 बार दोहराए। तौलियों को धोकर रात में सुखा लें। चेहरे खासकर नाथ या पलकों को छूने से बचें- यदि ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा है तो साफ धुले हाथों से ऐसा करने का प्रयास करें ।रेलिंग ,हैंडल ,डोर कुर्सी ,स्मार्टफोन डायल पैड, कंप्यूटर के प्रमुख पैड या एलीवेटर बटन को छूते समय सावधान रहे। बाजार,माल ,थियेटर ,बस ,टर्मिनल हवाई अड्डे जैसी लंबी कतारों और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें। यदि ऐसा संभव नहीं है तो लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर खुद को सुरक्षित रक्खे। कोविड-19 बहुत तेजी से फैलता है किसी को अपने कार्यक्षेत्र और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर दूसरों के साथ बातचीत करते समय अपने आप को बचाने की आवश्यकता है।यदि मास्क के तौर पर रुमाल का प्रयोग कर रहे हैं हर 6 घंटे या गीला ,नम होने पर इसे बदले।रुमाल को साफ करने के लिए इसे गर्म पानी और साबुन में धोये और इसे धूप में सुखाएं।यदि आप मास्क का प्रयोग कर रहे हैं तो इसे भी पांच से 6 घंटों में या जब आपको लगता है कि यह नम हो गया है तो इसे बदल दें बाहर से घर वापस आने के बाद सावधानियां- चाबियों, उपकरणों आदि को किसी बाक्स या सुरक्षित स्थान पर रखें।अपने कपड़े बदले और उन्हें धोये। यदि आप धो नहीं सकते हैं तो उन्हें एक पॉलिथीन बैग के अंदर अलग से रखें अगले दिन आप घर से बाहर कदम रखने से पहले उन्हें पहन सकते हैं। रेलिंग,हैंडल,डोर ,स्मार्टफोन डायल पैड, कंप्यूटर के प्रमुख पैड,लिफ्ट एलीवेटर बटन, बोरवेल्स को छूते समय सावधान रहे। पोषण- यह सुनिश्चित करें कि आपके पास अच्छा भोजन चावल,दाल,हरी,सब्जियां पत्तेदार,मांस,दूध,दही, पपीता,अमरूद,संतरे जैसे फल हैं पर्याप्त आराम करें। व्यायाम,योगा करें। दिमाग को सकारात्मक स्वस्थ ढांचे में प्रवेश करने दें खैर कोरोनावायरस की यह महामारी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी।चीन जहां से करोना कि शुरुआत हुई थी वहां की यह बीमारी घटती जा रही है इसलिए घबराइए नहीं और न ही उदास हो।जितना हो सके हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने का प्रयास करें क्योंकि नकारात्मक भावनाएं वायरस से लड़ने में आपके शरीर की प्रतिरक्षा और सहनशक्ति को कम कर देंगे।जो आपके स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं होता है। कोरोना के लक्षण होने पर निम्न कार्य करें - बिस्तर पर आराम करें। अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिए।यदि कोई परेशानी हो तो चिकित्सक से तुरंत सलाह लें। गर्म नमक के पानी से गरारे करें।परिवार के सदस्यों को खुद को अलग करें। इस बीमारी के दौरान दूसरे से कम से कम 2 मीटर की दूरी पर रहे और उन्हें स्पर्श न करे।परिवार के सदस्यों में से किसी को लक्षण है तो परिवार में दूसरों बड़ों को महामारी के जोखिम के बारे में समझाएं और उन्हें खुद को अलग करने के लिए मना ले उन्हें अलग करने के लिए मजबूर न करें।दूरी बनाए रखे लेकिन उनसे प्यार से बात करें।उन्हें अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के साथ संक्रमण से निपटने में मदद करे।. कृत्य:नायाब टाइम्स


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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शहीदों की मगफिरत के लिये दुआ:*माहे रमज़ान के मुबारक महीने में "कोरोना वायरस" से दुनिया में जितने लोग शहीद हुए हैं मैं नायाब अली वल्द मरहूम नवाब अली अल्लाह से गुज़ारिश करता हूँ उन सभी की मग़फ़िरत फरमाए औऱ मेरे अज़ीजो के साथ साथ मेरे खानदान के मरहुमो को जन्नतुल फिरदौस अता करें । *"आमीन"* *मरहूम:* गौहर अली (दादा),नवाब अली (वलीद), व भाइयों सय्यद मुश्ताक़ अहमद, सय्यद मुम्मताज़ अहमद, सय्यद अब्बास (स.), मोहम्मद इस्लाम (ब.), असद अली (भाई) के लिये अल्लाहताआलह से दुआ करता हूँ उनकी मग़फ़ेरत फरमाए... *आमीन*
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प०राम प्रसाद बिस्मिल जी हज़रो नमन: *“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” : कब और कैसे लिखा राम प्रसाद बिस्मिल ने यह गीत!* राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का नाम कौन नहीं जानता। बिस्मिल, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षडयंत्र व काकोरी-कांड जैसी कई घटनाओं मे शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। भारत की आजादी की नींव रखने वाले राम प्रसाद जितने वीर, स्वतंत्रता सेनानी थे उतने ही भावुक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू उपनाम था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है ‘गहरी चोट खाया हुआ व्यक्ति’। बिस्मिल के अलावा वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। *राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की तरह अशफ़ाक उल्ला खाँ भी बहुत अच्छे शायर थे। एक रोज का वाकया है अशफ़ाक, आर्य समाज मन्दिर शाहजहाँपुर में बिस्मिल के पास किसी काम से गये। संयोग से उस समय अशफ़ाक जिगर मुरादाबादी की यह गजल गुनगुना रहे थे* “कौन जाने ये तमन्ना इश्क की मंजिल में है। जो तमन्ना दिल से निकली फिर जो देखा दिल में है।।” बिस्मिल यह शेर सुनकर मुस्करा दिये तो अशफ़ाक ने पूछ ही लिया- “क्यों राम भाई! मैंने मिसरा कुछ गलत कह दिया क्या?” इस पर बिस्मिल ने जबाब दिया- “नहीं मेरे कृष्ण कन्हैया! यह बात नहीं। मैं जिगर साहब की बहुत इज्जत करता हूँ मगर उन्होंने मिर्ज़ा गालिब की पुरानी जमीन पर घिसा पिटा शेर कहकर कौन-सा बड़ा तीर मार लिया। कोई नयी रंगत देते तो मैं भी इरशाद कहता।” अशफ़ाक को बिस्मिल की यह बात जँची नहीं; उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा- “तो राम भाई! अब आप ही इसमें गिरह लगाइये, मैं मान जाऊँगा आपकी सोच जिगर और मिर्ज़ा गालिब से भी परले दर्जे की है।” *उसी वक्त पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने यह शेर कहा* “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजु-कातिल में है?” यह सुनते ही अशफ़ाक उछल पड़े और बिस्मिल को गले लगा के बोले- “राम भाई! मान गये; आप तो उस्तादों के भी उस्ताद हैं।” आगे जाकर बिस्मिल की यह गज़ल सभी क्रान्तिकारी जेल से पुलिस की गाड़ी में अदालत जाते हुए, अदालत में मजिस्ट्रेट को चिढ़ाते हुए और अदालत से लौटकर वापस जेल आते हुए एक साथ गाया करते थे। बिस्मिल की शहादत के बाद उनका यह गीत क्रान्तिकारियों के लिए मंत्र बन गया था। न जाने कितने क्रांतिकारी इसे गाते हुए हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। पढ़िए राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखा गया देशभक्ति से ओतप्रोत यह गीत – सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ! हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में है। अब न अगले वल्वले हैं और न अरमानों की भीड़, एक मिट जाने की हसरत अब दिले-‘बिस्मिल’ में है । ए शहीद-ए-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है। खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हाथ जिनमें हो जुनूँ , कटते नही तलवार से, सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से, और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है , सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हम तो निकले ही थे घर से बाँधकर सर पे कफ़न, जाँ हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम। जिन्दगी तो अपनी महमाँ मौत की महफ़िल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार, “क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है?” सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब, होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज। दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है! सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। जिस्म वो क्या जिस्म है जिसमें न हो खूने-जुनूँ, क्या वो तूफाँ से लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। पं० राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ उनके इस लोकप्रिय गीत के अलावा ग्यारह वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में बिस्मिल ने कई पुस्तकें भी लिखीं। जिनमें से ग्यारह पुस्तकें ही उनके जीवन काल में प्रकाशित हो सकीं। ब्रिटिश राज में उन सभी पुस्तकों को ज़ब्त कर लिया गया था। पर स्वतंत्र भारत में काफी खोज-बीन के पश्चात् उनकी लिखी हुई प्रामाणिक पुस्तकें इस समय पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। 16 दिसम्बर 1927 को बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय (अन्तिम समय की बातें) पूर्ण करके जेल से बाहर भिजवा दिया। 18 दिसम्बर 1927 को माता-पिता से अन्तिम मुलाकात की और सोमवार 19 दिसम्बर 1927 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर गोरखपुर की जिला जेल में उन्हें फाँसी दे दी गयी। राम प्रसाद बिस्मिल और उनके जैसे लाखो क्रांतिकारियों के बलिदान का देश सद्येव ऋणी रहेगा! जय हिन्द !
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स्पोर्ट्समैन जाफ़र के सम्मान में क्रिकेट मैच: *जाफ़र मेहदी वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी कैसरबाग डिपो कल 30 नवम्बर 2020 सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएगे उनके सम्मान में क्रिकेट मैच परिवहन निगम ने आयोजित किया* लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के स्पोर्ट्समैन जाफ़र मेहंदी जो 30 नवम्बर 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे को "मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन" सन्तोष कुमार दूबे "वरि०पी०सी०एस०" द्वारा उनके सम्मान में क्रिकेट मैच आयोजित कर उनका सम्मान किया जायेगा , जिसमें एहम किरदार पी०आर०बेलवारिया "मुख्य महाप्रबंधक "संचालन" व पल्लव बोस क्षेत्रीय प्रबन्धक-लखनऊ एवं प्रशांत दीक्षित "प्रभारी स०क्षे०प्रबन्धक" हैं जो * अवध बस स्टेशन कमता लखनऊ* के पद पर तैनात हैं , इस समय *कैसरबाग डिपो* के भी "प्रभारी स०क्षे०प्र०" हैं। कैसरबाग डिपो के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जाफ़र मेहदी साहब दिनाँक,30 नवम्बर 2020 को कल सेवानिवृत्त हो जायेगे। जाफ़र मेहदी साहब की भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत 1987 में परिवहन निगम में हुई थी। जो पछले तीन सालो से दो धारी तलवार के चपेट कि मार झेल रहे थे अब आज़ादी उनके हाथ लगी मेंहदी साहब नायाब ही नहीं तारीफे काबिल हैं उनकी जितनी भी बड़ाई की जाय कम हैl कृत्य:नायाब टाइम्स
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डीईओ ने मतदान : *डीईओं ने एमएलसी निर्वाचन के मतदान कार्मिकों का द्वितीय प्रशिक्षण में निर्वाचन सम्बन्धी दी महत्वपूर्ण जानकारियां स्नातक व शिक्षक निर्वाचन को निष्पक्ष, निर्भीक,सकुशल, शान्ति पूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने की सभी अन्तिम तैयारियां रखे दुरूस्त:वैभव श्रीवास्तव* रायबरेली,"सू०वि०रा०" दिनाँक:27,नवम्बर,2020 को जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने फिरोजगांधी डिग्री कालेज के आडिटोरियम हाल में लखनऊ खण्ड स्नातक/खण्ड शिक्षण निवाचर्न क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधान परिषद दिवार्षिक निर्वाचन को सकुशल, शान्तिपूर्ण तरीके से 1 दिसम्बर को मतदान सम्पन्न कराने की सभी अन्तिम तैयारियों को दुरूस्त रखने के साथ ही मतदान कार्मिकों के द्वितीय प्रशिक्षण में निर्वाचन को सकुशल सम्पन्न कराने सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी दी। मतदान कार्मिक अपने कार्यो को टीम भावना से भली-भांति अंजाम दें। अब मतदान की तिथि निकट है। स्वयं तथा दूसरों को भी आदर्श आचार सहिता का अनुपालन करायें। मास्टर टेªनर्स पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी, माइक्रो आब्जरवर, सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा अन्य निवार्चन कार्य से जुड़े कार्मिक प्रशिक्षण को भली-भांति देकर मतदान की बारीकियों से अवगत कराकर उन्हें पूरी तरह से पारंगत करवा दें। जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने सेक्टर मजिस्टेªट, जोनल मजिस्टेªट तथा पीठासीन अधिकारी/माइक्रो आॅब्जर्वर तथा सभी मतदान कार्मिक प्रशिक्षण में सामान्य प्रशिक्षण के साथ मतपेटी खोलना, बन्द करना व सील करना व अन्य महत्वपूर्ण परिपत्रों के बारे में आदि का भली-भांति प्रशिक्षण लें ले। किसी भी निर्वाचन की सफलता के लिए मतदान कार्मिकों का प्रशिक्षण बेहतर होना जरूरी है। मास्टर टेªनर्स द्वारा प्रशिक्षण को भली-भांति दिलाया जाये। प्रशिक्षण दिलाये जाने में कोई कमी न रहे। मतदान 1 दिसम्बर को है अब चंद दिन ही बचे है। अतः सभी तैयारियां प्रशासनिक/पुलिस से सम्बन्धित सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखें तथा निर्वाचन में लगे निर्वाचन ड्यूटी में लगे पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी, माइक्रो आब्जरवर, सेक्टर मजिस्टेªट, प्रभारी अधिकारी, सहायक प्रभारी अधिकारी तथा सभी गठित टीमें अपने को पूरी तरह से सक्रिय रहकर अपने कार्यो को भली-भांति अंजाम दे। लखनऊ खण्ड स्नातक/खण्ड शिक्षक विधान परिषद 2020 दिवार्षिक निर्वाचन को निष्पक्ष, निर्भीक, सकुशल, शान्तिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराये। पोलिंग पार्टिया जीआईसी इण्टर कालेज से 30 नवम्बर को रवाना होनी है। जिसकी सम्पूर्ण तैयारियों को कमी न रहे। कोविड-19 कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जाए। निर्वाचन कार्याे में किसी प्रकार की चूक न हो, पूरी तरह से सतर्क व गम्भीरता से कार्य करें। प्रशिक्षण में बताई गयी बातों को समझें व प्रशिक्षण पुस्तिका तथा निर्वाचन आयोग द्वारा निरन्तर दिये जा रहे निर्देशों को कई बार पढे़। पूरी निर्वाचन प्रकिया में कई तरह से चरणवार कार्य करने होते हैं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि निर्वाचन की पवित्रता व निष्पक्षता भंग न होने पाए। निर्वाचन से पहले व निर्वाचन के बाद तक क्रमवार कब क्या करना है और क्या नहीं करना है इस बात को चिन्तन कर लें। इस मौके बीएसए आनन्द प्रकाश शर्मा, पीडी प्रेम चन्द्र पाण्डेय, एसडीएम विनय मिश्रा, सहायक निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार, उपनिदेशक सूचना प्रमोद कुमार सहित सभी मतदान कार्मिक मौजूद थे। कृत्य:नायाब टाइम्स
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