जिला मजिस्ट्रेट ने : *हक की बात के तहत डीएम ने महिलाओं व बालिकाओं से सीधे किया संवाद, समस्याओं को सुनकर निस्तारण के दिये निर्देश-संवाद शिकायत पर डीएम ने लालगंज के पूर्व मा0 विद्यालय में स्वय पहुच कर की जांच-कोटेदार द्वारा राशन न दिये जाने व प्रधान द्वारा गांव में न रहने की गलत जांच रिपोर्ट शिकायत पर डीएम गम्भीर, जांच के लिए टीम को गांव किया रवाना* रायबरेली ,आज जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट कक्ष में मिशन शक्ति ‘‘हक की बात’’ के तहत जनपद की महिलाओं एवं बालिकाओं से समस्याओं व शिकायतों को सीधे अपने सीयूजी व लैण्ड लाईन नम्बर पर के माध्यम से वार्ता की। जिलाधिकारी ने प्राप्त शिकातयों को विस्तार सुनता तथा अपने डायरी पर पूरी बात लिखी तथा सम्बन्धित अधिकारियों को जांच एवं निरीक्षण के लिए भेजकर ततकल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। घरेलू हिसंा, महिलाओं के राशन कार्ड न बनाना, राशन न दिया जाना, राशन कार्डो में गलत रिपार्ट लगाकर निरस्त कराकर या महिलाओं को परेशान किये जाने को आदि गम्भीरता से लिया गया। डीएम को लालगंज के पूर्व माध्यमिक हरीपुर विद्यालय की शिकायत ज्ञात हुआ कि दो छात्राए जो पढ़ने में अच्छी थी परन्तु किन्ही कारणोंवश स्कूल जाना बन्द कर दिया। इस प्रकरण पर जिलाधिकारी स्वयं लालगंज पहुचे विद्यालय जहां पर बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, बीडीओं, प्रधानाध्यापक से बालिकाओं के विद्यालय न आने की जानकारी ली तथा छात्रा प्रियंका व उसकी माता विन्देश्वरी को बुलवाकर शिक्षा के महत्व के बारे में बताया तथा बच्चियों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया कहा कि विद्यालय में शिक्षा निःशुल्क है। फिर भी कही अगर दिक्कत आती है तो मैं स्वयं शिक्षा के लिए मद्द करूगां। इसके अलावा प्रधानाध्यापक, खण्ड शिक्षा अधिकारी, बीएसए, बीडीओं आदि को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिये कि कोई भी बालिका शिक्षा से वंचित न रहे यदि विद्यालय नही आती है या कही कोई दिक्कत है तो संज्ञान में लेकर निराकरण करें। डीएम ने विद्यालय का निरीक्षण किया तथा उपलब्ध रजिस्टरों, मिड-डे-मील आदि को देखा। अनुपस्थित अध्यापिका को निलम्बित करने के साथ ही मिड-डे-मील विद्यालय में 3 महीनो से न बाटे जाने पर बीएसए से स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिये। प्रधान शिक्षिका मिथलेश कुमारी द्वारा शिकायत की गई थी परन्तु स्कूल से बिना बताये चली गई थी जिसको डीएम ने गम्भीरता से लेते हुए प्रधान शिक्षिका को निलम्बित करने के निर्देश दिये। उन्होंने विद्यालय के छात्राओं को स्वेटर भी वितरित किये तथा बच्चों व अभिभावकों से कहा कि कोविड-19 कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों को स्कूल भेजे और उन्हें पढ़ाये। एक महिला द्वारा डीएम के सीयूजी नम्बर पर रोते हुए फोन किया जिस पर डीएम ने ढाढस बंधाया कि रोये नही अपना नाम, थाना, तहसील आदि पूरी बात बताये। महिला द्वारा अपना नाम पता बताया और कहा कि तीन महिने से मुझे अन्त्योदय कार्ड पर राशन कोटेदार द्वारा नही दिया जा रहा है। कोटेदार ने बताया है कि तुम्हारा नाम ग्राम सुलखियापुर के प्रधान द्वारा कटवा दिया गया है। प्रधान से सम्पर्क करो प्रधान लगातार बोल रहा है मैने राशन कार्ड चढवा दिया है। इस तरह मे तीन महीने से राशन नही दिया जा रहा है। मैं गरीब महिला अनुसूचित जाति की हूँ मेरा तहसीलदार सदर द्वारा जारी निवास जाति प्रमाण पत्र आदि जारी है 42 साल से गांव में रह रही हूँ परन्तु प्रधान द्वारा गांव में न रहने की झुठी रिपोर्ट लगवाकर राशन कार्ड कटवा दिया है। इस प्रकरण को डीएम ने गम्भीरता से लेते हुए कहा कि परेशान मत हो हम तत्काल जांच करवा देते है अगर प्रधान व कोटेदार दोषी पाया जाता है तो प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कराकर व कोटेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने मौके पर महिला के गाव में टीम भेजकर जांच करवाई। शहर की गल्लामण्डी के पीछे फातिमा कालोनी में स्वच्छता व स्वास्थ्य से सम्बन्धित एक महिला ने बताया कि 15 वर्षो से सड़क खराब है जिससे पूर्व में अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है परन्तु अभी तक सड़क अपूर्ण है। जिस पर डीएम ने कहा कि तत्काल पत्रावलियां तलब करवाकर सड़क व नालिया बनवाई जायेगी। इसके अलावा जिलाधिकारी ने हक की बात के तहत सीधे महिलाओं व बालिकाओं से घरेलू हिंसा, दहेज, शोषण, लैगिंक असमानता, बाल विवाह, छेड़छाड़, हिंसा आदि के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। उन्होंने प्राप्त 36 शिकायतों पर गम्भीरता से लेते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को शिकायतों के निस्तारण के लिए निर्देश दिये। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन राम अभिलाष, एसडीएम सदर अंशिका दीक्षित आदि अधिकारी उपस्थित थे। कृत्य:नायाब टाइम्स *अस्लामु अलैकुम/शुभरात्रि*
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प०राम प्रसाद बिस्मिल जी हज़रो नमन: *“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” : कब और कैसे लिखा राम प्रसाद बिस्मिल ने यह गीत!* राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का नाम कौन नहीं जानता। बिस्मिल, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षडयंत्र व काकोरी-कांड जैसी कई घटनाओं मे शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। भारत की आजादी की नींव रखने वाले राम प्रसाद जितने वीर, स्वतंत्रता सेनानी थे उतने ही भावुक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू उपनाम था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है ‘गहरी चोट खाया हुआ व्यक्ति’। बिस्मिल के अलावा वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। *राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की तरह अशफ़ाक उल्ला खाँ भी बहुत अच्छे शायर थे। एक रोज का वाकया है अशफ़ाक, आर्य समाज मन्दिर शाहजहाँपुर में बिस्मिल के पास किसी काम से गये। संयोग से उस समय अशफ़ाक जिगर मुरादाबादी की यह गजल गुनगुना रहे थे* “कौन जाने ये तमन्ना इश्क की मंजिल में है। जो तमन्ना दिल से निकली फिर जो देखा दिल में है।।” बिस्मिल यह शेर सुनकर मुस्करा दिये तो अशफ़ाक ने पूछ ही लिया- “क्यों राम भाई! मैंने मिसरा कुछ गलत कह दिया क्या?” इस पर बिस्मिल ने जबाब दिया- “नहीं मेरे कृष्ण कन्हैया! यह बात नहीं। मैं जिगर साहब की बहुत इज्जत करता हूँ मगर उन्होंने मिर्ज़ा गालिब की पुरानी जमीन पर घिसा पिटा शेर कहकर कौन-सा बड़ा तीर मार लिया। कोई नयी रंगत देते तो मैं भी इरशाद कहता।” अशफ़ाक को बिस्मिल की यह बात जँची नहीं; उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा- “तो राम भाई! अब आप ही इसमें गिरह लगाइये, मैं मान जाऊँगा आपकी सोच जिगर और मिर्ज़ा गालिब से भी परले दर्जे की है।” *उसी वक्त पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने यह शेर कहा* “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजु-कातिल में है?” यह सुनते ही अशफ़ाक उछल पड़े और बिस्मिल को गले लगा के बोले- “राम भाई! मान गये; आप तो उस्तादों के भी उस्ताद हैं।” आगे जाकर बिस्मिल की यह गज़ल सभी क्रान्तिकारी जेल से पुलिस की गाड़ी में अदालत जाते हुए, अदालत में मजिस्ट्रेट को चिढ़ाते हुए और अदालत से लौटकर वापस जेल आते हुए एक साथ गाया करते थे। बिस्मिल की शहादत के बाद उनका यह गीत क्रान्तिकारियों के लिए मंत्र बन गया था। न जाने कितने क्रांतिकारी इसे गाते हुए हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। पढ़िए राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखा गया देशभक्ति से ओतप्रोत यह गीत – सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ! हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में है। अब न अगले वल्वले हैं और न अरमानों की भीड़, एक मिट जाने की हसरत अब दिले-‘बिस्मिल’ में है । ए शहीद-ए-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है। खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हाथ जिनमें हो जुनूँ , कटते नही तलवार से, सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से, और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है , सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हम तो निकले ही थे घर से बाँधकर सर पे कफ़न, जाँ हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम। जिन्दगी तो अपनी महमाँ मौत की महफ़िल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार, “क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है?” सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब, होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज। दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है! सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। जिस्म वो क्या जिस्म है जिसमें न हो खूने-जुनूँ, क्या वो तूफाँ से लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। पं० राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ उनके इस लोकप्रिय गीत के अलावा ग्यारह वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में बिस्मिल ने कई पुस्तकें भी लिखीं। जिनमें से ग्यारह पुस्तकें ही उनके जीवन काल में प्रकाशित हो सकीं। ब्रिटिश राज में उन सभी पुस्तकों को ज़ब्त कर लिया गया था। पर स्वतंत्र भारत में काफी खोज-बीन के पश्चात् उनकी लिखी हुई प्रामाणिक पुस्तकें इस समय पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। 16 दिसम्बर 1927 को बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय (अन्तिम समय की बातें) पूर्ण करके जेल से बाहर भिजवा दिया। 18 दिसम्बर 1927 को माता-पिता से अन्तिम मुलाकात की और सोमवार 19 दिसम्बर 1927 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर गोरखपुर की जिला जेल में उन्हें फाँसी दे दी गयी। राम प्रसाद बिस्मिल और उनके जैसे लाखो क्रांतिकारियों के बलिदान का देश सद्येव ऋणी रहेगा! जय हिन्द !
• नायाब अली
चारबाग़ बस स्टेशन मनोज: *चारबाग बस स्टेशन से जाम भागा रख रखवा में भी नई तरतीब* लखनऊ,चारबाग बस स्टेशन लखनऊ पर अब जाम नहीं लगने दूँगा ये बात एक भेंट में ने जानकारी दी और अपने स्टाफ को सचेत किया। मनोज कुमार श्रीवास्तव के पदभार ग्रहण करते ही क्षेत्रीय एवं शहरी जनता बेहिचक होकर इधर से उधर जाते है। जांच करने पर पता चला है कि बस स्टेशन चारबाग में मुख्यालय से आए तेजतर्रार मनोज कुमार श्रीवास्तव (सहा.क्षे.प्र.) प्रबंधन के दिशा निर्देश के कारण चारबाग बस स्टेशन पर लगने वाला भयानक जाम अब नहीं जिससे क्षेत्रीय जनता व यात्रियों ने राहत महसूस किया और मनोज कुमार श्रीवास्तव व उनकी सहायिका श्रीमती जमीला (एस.एस.आई.)एवं टीम के कार्य करने के तरीकों की प्रशंसा करते नज़र आने लगे। कृत्य: नायाब टाइम्स
• नायाब अली
शहीदों की मगफिरत के लिये दुआ:*माहे रमज़ान के मुबारक महीने में "कोरोना वायरस" से दुनिया में जितने लोग शहीद हुए हैं मैं नायाब अली वल्द मरहूम नवाब अली अल्लाह से गुज़ारिश करता हूँ उन सभी की मग़फ़िरत फरमाए औऱ मेरे अज़ीजो के साथ साथ मेरे खानदान के मरहुमो को जन्नतुल फिरदौस अता करें । *"आमीन"* *मरहूम:* गौहर अली (दादा),नवाब अली (वलीद), व भाइयों सय्यद मुश्ताक़ अहमद, सय्यद मुम्मताज़ अहमद, सय्यद अब्बास (स.), मोहम्मद इस्लाम (ब.), असद अली (भाई) के लिये अल्लाहताआलह से दुआ करता हूँ उनकी मग़फ़ेरत फरमाए... *आमीन*
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स्पोर्ट्समैन जाफ़र के सम्मान में क्रिकेट मैच: *जाफ़र मेहदी वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी कैसरबाग डिपो कल 30 नवम्बर 2020 सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएगे उनके सम्मान में क्रिकेट मैच परिवहन निगम ने आयोजित किया* लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के स्पोर्ट्समैन जाफ़र मेहंदी जो 30 नवम्बर 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे को "मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन" सन्तोष कुमार दूबे "वरि०पी०सी०एस०" द्वारा उनके सम्मान में क्रिकेट मैच आयोजित कर उनका सम्मान किया जायेगा , जिसमें एहम किरदार पी०आर०बेलवारिया "मुख्य महाप्रबंधक "संचालन" व पल्लव बोस क्षेत्रीय प्रबन्धक-लखनऊ एवं प्रशांत दीक्षित "प्रभारी स०क्षे०प्रबन्धक" हैं जो * अवध बस स्टेशन कमता लखनऊ* के पद पर तैनात हैं , इस समय *कैसरबाग डिपो* के भी "प्रभारी स०क्षे०प्र०" हैं। कैसरबाग डिपो के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जाफ़र मेहदी साहब दिनाँक,30 नवम्बर 2020 को कल सेवानिवृत्त हो जायेगे। जाफ़र मेहदी साहब की भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत 1987 में परिवहन निगम में हुई थी। जो पछले तीन सालो से दो धारी तलवार के चपेट कि मार झेल रहे थे अब आज़ादी उनके हाथ लगी मेंहदी साहब नायाब ही नहीं तारीफे काबिल हैं उनकी जितनी भी बड़ाई की जाय कम हैl कृत्य:नायाब टाइम्स
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जाफ़र मेहंदी की बल्ले बल्ले: * परिवहन निगम के वरिष्ठ खिलाड़ी जाफर मेंहदी के सम्मान में एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया। मैच के मुख्य अतिथि एस के दुबे "मुख्य प्रधान प्रबन्धक प्रशासन"* लखनऊ,आज दिनांक 29 नवम्बर 2020 को कॉल्विन क्रिकेट ग्राउंड पर परिवहन निगम के वरिष्ठ खिलाड़ी जाफर मेंहदी के सम्मान में एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया । इस मैच के मुख्य अतिथि एस के दुबे (मुख्य प्रधान प्रबंधक प्रशासन) थे । मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक जयदीप वर्मा एवं प्रधान प्रबंधक संचालक सुनील प्रसाद भी मौजूद रहे । इस मैच में परिवहन निगम मुख्यालय ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए योगेंद्र सेठ की 79 रन की शानदार पारी की बदौलत 20 ओवर में 141 रन बनाए । जवाब में खेलने उतरी कैसरबाग डिपो की टीम ने सुनील मिश्रा के नाबाद 51 व नितेश श्रीवास्तव के 25 रन की बदौलत 19.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया । मुख्यालय की तरफ से मनोज श्रीवास्तव ने दो व जयदीप वर्मा ने एक विकेट लिया । कैसरबाग की तरफ से रजनीश मिश्रा ने 4 ओवरों में 17 रन देकर एक विकेट , नितेश श्रीवास्तव ने एक विकेट लिया । अंत में प्रधान प्रबंधक प्रशासन ने *जाफर मेहंदी* को सम्मानित किया । *योगेंद्र सेठ* को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया । मुख्यालय की तरफ से टीम का नेतृत्व जयदीप वर्मा व कैसरबाग डिपो की तरफ से टीम का नेतृत्व शशिकांत सिंह ने किया । कृत्य:नायाब टाइम्स
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