124 बसों द्वारा 2933 प्रवासियो को भेजा गया: *विशेष ट्रेनों द्वारा बेंगलोर,चेन्नई से लखनऊ आये 2933 प्रवासियों को रोडवेज की बसों द्वारा उनके ग्रह जनपद किया गया रवाना* *लखनऊ* केंद्र सरकार से मिली अनुमति के बाद रेल मंत्रालय ने "श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (06553) व (06549" जो कि बेंगलोर से लखनऊ 2933 यात्रियों को लेकर 14 मई 2020 को 3 ट्रेनों द्वारा चारबाग़ रेलवे स्टेशन पहुँची थी। शासन स्तर से अनुमति मिलने के बाद,रोडवेज के प्रबन्ध निदेशक डॉ० राजशेखर एवं सन्तोष के दुबे "सी०जी०एम०-(ए),राजेश वर्मा 'सी०जी०एम०-(ओ०) और लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने अपने क्षेत्र के सभी 'ए०आर०एमओ' एवं डिपो कर्मचारियों के द्वारा उक्त यात्रियों को उनके ग्रह जनपद बलिया,प्रयागराज,सिद्धार्थनगर,गाज़ीपुर,गोरखपुर,आगरा,बहराइच,पीलीभीत,हरदोई,महराजगंज, देवरिया,शाहजहांपुर, सन्तकबीरनगर, मिर्जापुर, गाज़ियाबाद,मेरठ,वाराणसी अम्बेडकरनगर,एटा,सुल्तानपुर, झाँसी, बहराईच और मथुरा रोडवेज की 124 बसों में सोशल डिस्टनसिंग को ध्यान में रखते हुए सफलता पूर्वक उनके ग्रह जनपद की तहसीलों तक भेजा गया है। *कृत्य:नायाब टाइम्स*


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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वक़्त वक़्त की बात; 💣😥सत्यवचन😥💣 जमीन पर बैठे IAS श्री सजल चक्रवर्ती जी पूर्व मुख्य सचिव झारखंड रहे है। चारा घोटाले में दोषी घोषित हुए सजल चक्रवर्ती के न जाने कितने IAS/IPS पैर छूते रहे होंगे, लेकिन आज इनकी बेबसी देखकर मन बड़ा दुःखी हुआ। आजकल आपका वजन 150 kg के आस पास है, आप कई बीमारियों से ग्रसित है, ठीक से चल नही पाते। रांची कोर्ट पहली मंज़िल में पेशी थी, एक सीढ़ी घसीट कर उतरे फिर दूसरी सीढ़ी पहुँचने के लिए खुद को घसीट रहे थे। बड़ा मार्मिक दृश्य था। माता-पिता नही रहे,भाई सेना में बङे अफसर थे अब नही रहे। जिसको गोद लिए उसकी शादी हो गई,उसे भी मतलब नही है अपने घर मे कुछ बन्दर और कुत्ते पाल रखे हैं, ये शानो शौकत,पैसे सब बेकार सिध्द हुए......अब बस मौत ही अब शायद इनका कष्ट दूर कर सकती है। जरा सोचिये, कल तक बड़े बड़े अधिकारी जिनकी गाड़ी का दरवाज़ा खोलने के लिए आतुर रहते थे वही आज दुनिया के सामने जमीन पर असहाय पड़े थे। उन्होने दो शादी की मगर दोनों बीबियों ने तलाक दी।कोर्ट में सबका कोई कोई न कोई आया था,लेकिन यह अकेले थे.. इसकी वजह शायद यह भी हो कि जब यह पद पर रहे होंगे इन्होंने अधिकारी वर्ग को छोड़कर किसी की मदद नहीं किया होगी अगर की होती तो आज कोई न कोई उनके लिये खड़ा रहता...........इसलिये जब हम सामर्थ्यवान हों तो हमें दूसरे की मदद जरूर करनी चाहिए जिससे की लोग बाद में भी आपको याद करें आपके साथ हों,पैसे कमाना बड़ी बात नहीं होती बड़ी बात तब होती है जब आप अपने लोग कमाये। यूपी में NRHM घोटाले में फॅसे IAS प्रदीप शुक्ला जी का यही हाल है। कभी आदर्श हुआ करते थे क्योंकि IAS टॉपर थे। इसलिये जीवन को जीवन्त हो लोगों की मदद करते हुए अपने लोग बनाते हुए जीना ही सही मायने में एक सफल जीवन जीना है। पैसा पैसा शोहरत आखिर किसके लिए------
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स्पोर्ट्समैन जाफ़र के सम्मान में क्रिकेट मैच: *जाफ़र मेहदी वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी कैसरबाग डिपो कल 30 नवम्बर 2020 सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएगे उनके सम्मान में क्रिकेट मैच परिवहन निगम ने आयोजित किया* लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के स्पोर्ट्समैन जाफ़र मेहंदी जो 30 नवम्बर 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे को "मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन" सन्तोष कुमार दूबे "वरि०पी०सी०एस०" द्वारा उनके सम्मान में क्रिकेट मैच आयोजित कर उनका सम्मान किया जायेगा , जिसमें एहम किरदार पी०आर०बेलवारिया "मुख्य महाप्रबंधक "संचालन" व पल्लव बोस क्षेत्रीय प्रबन्धक-लखनऊ एवं प्रशांत दीक्षित "प्रभारी स०क्षे०प्रबन्धक" हैं जो * अवध बस स्टेशन कमता लखनऊ* के पद पर तैनात हैं , इस समय *कैसरबाग डिपो* के भी "प्रभारी स०क्षे०प्र०" हैं। कैसरबाग डिपो के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जाफ़र मेहदी साहब दिनाँक,30 नवम्बर 2020 को कल सेवानिवृत्त हो जायेगे। जाफ़र मेहदी साहब की भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत 1987 में परिवहन निगम में हुई थी। जो पछले तीन सालो से दो धारी तलवार के चपेट कि मार झेल रहे थे अब आज़ादी उनके हाथ लगी मेंहदी साहब नायाब ही नहीं तारीफे काबिल हैं उनकी जितनी भी बड़ाई की जाय कम हैl कृत्य:नायाब टाइम्स
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*--1918 में पहली बार इस्तेमाल हुआ ''हिन्दू'' शब्द !--* *तुलसीदास(1511ई०-1623ई०)(सम्वत 1568वि०-1680वि०)ने रामचरित मानस मुगलकाल में लिखी,पर मुगलों की बुराई में एक भी चौपाई नहीं लिखी क्यों ?* *क्या उस समय हिन्दू मुसलमान का मामला नहीं था ?* *हाँ,उस समय हिंदू मुसलमान का मामला नहीं था क्योंकि उस समय हिन्दू नाम का कोई धर्म ही नहीं था।* *तो फिर उस समय कौनसा धर्म था ?* *उस समय ब्राह्मण धर्म था और ब्राह्मण मुगलों के साथ मिलजुल कर रहते थे,यहाँ तक कि आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पर राज कर रहे थे,उस समय वर्ण व्यवस्था थी।तब कोई हिन्दू के नाम से नहीं जाति के नाम से पहचाना जाता था।वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य से नीचे शूद्र था सभी अधिकार से वंचित,जिसका कार्य सिर्फ सेवा करना था,मतलब सीधे शब्दों में गुलाम था।* *तो फिर हिन्दू नाम का धर्म कब से आया ?* *ब्राह्मण धर्म का नया नाम हिन्दू तब आया जब वयस्क मताधिकार का मामला आया,जब इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार का कानून लागू हुआ और इसको भारत में भी लागू करने की बात हुई।* *इसी पर ब्राह्मण तिलक बोला था,"क्या ये तेली, तम्बोली,कुणभठ संसद में जाकर हल चलायेंगे,तेल बेचेंगे ? इसलिए स्वराज इनका नहीं मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है यानि ब्राह्मणों का। हिन्दू शब्द का प्रयोग पहली बार 1918 में इस्तेमाल किया गया।* *तो ब्राह्मण धर्म खतरे में क्यों पड़ा ?* *क्योंकि भारत में उस समय अँग्रेजों का राज था,वहाँ वयस्क मताधिकार लागू हुआ तो फिर भारत में तो होना ही था।* *ब्राह्मण की संख्या 3.5% हैं,अल्पसंख्यक हैं तो राज कैसे करेंगे ?* *ब्राह्मण धर्म के सारे ग्रंथ शूद्रों के विरोध में,मतलब हक-अधिकार छीनने के लिए,शूद्रों की मानसिकता बदलने के लिए षड़यंत्र का रूप दिया गया।* *आज का OBC ही ब्राह्मण धर्म का शूद्र है। SC (अनुसूचित जाति) के लोगों को तो अछूत घोषित करके वर्ण व्यवस्था से बाहर रखा गया था।* *ST (अनुसूचित जनजाति) के लोग तो जंगलों में थे उनसे ब्राह्मण धर्म को क्या खतरा ? ST को तो विदेशी आर्यों ने सिंधु घाटी सभ्यता संघर्ष के समय से ही जंगलों में जाकर रहने पर मजबूर किया उनको वनवासी कह दिया।* *ब्राह्मणों ने षड़यंत्र से हिन्दू शब्द का इस्तेमाल किया जिससे सबको को समानता का अहसास हो लेकिन ब्राह्मणों ने समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म की ही रखी।जिसमें जातियाँ हैं,ये जातियाँ ही ब्राह्मण धर्म का प्राण तत्व हैं, इनके बिना ब्राह्मण का वर्चस्व खत्म हो जायेगा।* *इसलिए तुलसीदास ने मुसलमानों के विरोध में नहीं शूद्रों के विरोध में शूद्रों को गुलाम बनाए रखने के लिए लिखा !* *"ढोल गंवार शूद्र पशु नारी।ये सब ताड़न के अधिकारी।।"* *अब जब मुगल चले गये,देश में OBC-SC के लोग ब्राह्मण धर्म के विरोध में ब्राह्मण धर्म के अन्याय अत्याचार से दुखी होकर इस्लाम अपना लिया था* *तो अब ब्राह्मण अगर मुसलमानों के विरोध में जाकर षड्यंत्र नहीं करेगा तो OBC,ST,SC के लोगों को प्रतिक्रिया से हिन्दू बनाकर,बहुसंख्यक लोगों का हिन्दू के नाम पर ध्रुवीकरण करके अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक बनकर राज कैसे करेगा ?* *52% OBC का भारत पर शासन होना चाहिये था क्योंकि OBC यहाँ पर अधिक तादात में है लेकिन यहीं वर्ग ब्राह्मण का सबसे बड़ा गुलाम भी है। यहीं इस धर्म का सुरक्षाबल बना हुआ है,यदि गलती से भी किसी ने ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई तो यहीं OBC ब्राह्मणवाद को बचाने आ जाता है और वह आवाज़ हमेशा के लिये खामोश कर दी जाती है।* *यदि भारत में ब्राह्मण शासन व ब्राह्मण राज़ कायम है तो उसका जिम्मेदार केवल और केवल OBC है क्योंकि बिना OBC सपोर्ट के ब्राह्मण यहाँ कुछ नही कर सकता।* *OBC को यह मालूम ही नही कि उसका किस तरह ब्राह्मण उपयोग कर रहा है, साथ ही साथ ST-SC व अल्पसंख्यक लोगों में मूल इतिहास के प्रति अज्ञानता व उनके अन्दर समाया पाखण्ड अंधविश्वास भी कम जिम्मेदार नही है।* *ब्राह्मणों ने आज हिन्दू मुसलमान समस्या देश में इसलिये खड़ी की है कि तथाकथित हिन्दू (OBC,ST,SC) अपने ही धर्म परिवर्तित भाई मुसलमान,ईसाई से लड़ें,मरें क्योंकि दोनों ओर कोई भी मरे फायदा ब्राह्मणों को ही हैं।* *क्या कभी आपने सुना है कि किसी दंगे में कोई ब्राह्मण मरा हो ? जहर घोलनें वाले कभी जहर नहीं पीते हैं।*
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डॉ०सन्तोष यादव: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *हार्दिक शुभकामनाएं/मुबारक* हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है डॉ०सन्तोष यादव साहब के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी शनिवार
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