ईँधन बचत: प्रिय अधिकारी गण और मीडिया फ्रेंड्स गुड इवनिंग ---------- पहली जनवरी 2020 से यूपीएसआरटीसी की उन्हीं बसों को ईंधन मिल सकेगा जो ईंधन स्वचालन परियोजना के तहत रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिटी डिवाइस (आरएफआईडी) रिंग काम करेगी। 1- किसी भी निगम का राजस्व दो तरीकों से बढ़ाया जा सकता है। व्यय में कमी और राजस्व स्रोतों में वृद्धि। यूपीएसआरटीसी दोनों पहलुओं पर काम कर रहा है। 2- यूपीएसआरटीसी ईधन की खपत में बचत सुनिश्चित करने के लिए तीर्थयात्रा / दुरुपयोग / अपव्यय रोकने और बसों के माइलेज में वृद्धि करने के उद्देश्य से, अपने सभी 105 डिपो में दिसंबर 2019 तक ईंधन स्वचालन प्रणाली लागू कर रहा है। 3- कुल 105 डिपो में से 98 भारतीय तेल निगम (आईओसी) द्वारा चलाए जाते हैं। बाकी बीपीसीएल, एचपीसीएल द्वारा चलाए जा रहे हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं। 4- आईओसी यूपीएसआरटीसी बसों को ईंधन का प्रमुख आपूर्तिकर्ता और लाभार्थी। ईंधन पर औसतन खर्च प्रति वर्ष लगभग 1300 से 1400 करोड़ रुपये है। एक बस चलाने पर कुल खर्च का 1/3 खर्च ईंधन पर है। यदि हम ईंधन के रिसाव, उपयोग/दुरुपयोग को नियंत्रित कर लेते हैं तो बचत भारी हो सकती है और बसों का माइलेज बढ़ाया जा सकता है। 5- यूपीएसआरटीसी ने आईओसी की मदद से फ्यूल ऑटोमेशन परियोजना शुरू की है। जिस पर अब तक आईओसी ने लगभग 20 करोड़ रुपए के खर्च करके 73 डिपो को स्वचालित कर दिया है। आईओसी यह व्यय यूपीएसआरटीसी के अनुरोध और समन्वय पर कर रहा है। 6- इस प्रणाली के तहत, आईओसी सभी डिपो में स्वचालित ईंधन वितरण सॉफ्टवेयर और संबंधित हार्डवेयर स्थापित कर रहा है। किसी भी बस में किसी भी समय किसी भी डिपो में तेल का प्रत्येक लीटर डिपो में स्थापित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर आटोमैटिक रूप से दर्ज कर लिया जाएगा। 7- प्रत्येक बस की ईंधन टैंक को फ्यूल टैंक के नोजल के चारों ओर आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस) रिंग के साथ लगाया जाता है। ईंधन को गन से निकलते समय सेंसर अपने आप लीटर डेट, टाइम, प्लेस आदि पढ़ने के साथ-साथ बस के फ्यूल और डेटा की मात्रा को सेव कर लेगा और सॉफ्टवेयर में अपडेट कर देगा। यह ईंधन की मात्रा और प्रत्येक बस के लिए लाभ के बारे में एक रियल टाइम डेटा देता है जो हमें ईंधन के रिसाव / दुरुपयोग / अपव्यय को रोकने में मदद करेगा और प्रत्येक बस को ट्रैक करने और उसके चालक के प्रदर्शन और आउटपुट पर निगरानी रखने में मदद करेगा। 8- अब तक 73 डिपो स्वचालित हो चुके हैं, लेकिन कुछ तकनीकी और प्रशासनिक समस्याएं अभी भी सामने आ रही हैं, जिसके लिए यूपीएसआरटीसी लगातार उनके समय पर निदान के लिए काम कर रहा है 9- 73 डिपो के स्वचालन का परिणाम और अनुभव काफी सकारात्मक दिखा है और इससे हमें बसों की दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ सालाना करोड़ों रुपये बच रहे हैं। 10- आईओसी ने यूपीएसआरटीसी को दिसंबर 2019 तक लंबित 21 डिपो के स्वचालन कार्य पूरा करने का वादा किया है। 11- यूपीएसआरटीसी के एमडी ने अन्य कंपनियों (बीपीसीएल और एचपीसीएल) को दिसंबर 2019 तक अपना ऑटोमेशन कार्य करने के लिए भी जनादेश दिया है। 12- यूपीएसआरटीसी के एमडी ने 1 जनवरी 2020 से एक्टिव आरएफआईडी रिंग के बिना बसों में ईंधन रिलीज न करने का फैसला किया है। आने वाले समय में हम प्रत्येक बस के ईंधन दक्षता का एक ऑनलाइन डेटा बेस बनाए रखकर प्रत्येक बस के माइलेज और प्रदर्शन को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं। यूपीएसआरटीसी के एमडी ने आईओसी टीम को दैनिक आधार पर प्रत्येक डिपो के प्रदर्शन की वास्तविक निगरानी और मूल्यांकन के लिए एमडी ऑफिस में "डैश बोर्ड" विकसित करने को कहा है। "अच्छा परिणाम" देने वाले आरएम / एआरएम / एसएम / ड्राइवर और कंडक्टरों को सम्मानित किया जाएगा और उनकी सराहना की जाएगी। तथा जो ड्राइवर, कंडक्टर, डिपो के कर्मचारी या किसी भी अधिकारी को आरएफआईडी रिंग के साथ छेड़छाड़ किए पाया गया, तो उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा। यूपीएसआरटीसी के एमडी इस परियोजना में कार्य प्रगति की मासिक रूप से निगरानी कर रहे हैं। यह यूपीएसआरटीसी की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है। ---------- धन्यवाद डा. राज शेखर एमडी यूपीएसआरटी ---------------------


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अति दुःखद: *पूर्व विधायक आशा किशोर के पति का निधन* रायबरेली,सलोन विधान सभा के समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक आशा किशोर के पति श्याम किशोर की लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया।इनकी उम्र लगभग 70 वर्ष की थी और पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। स्व श्याम किशोर अपने पीछे पत्नी आशा किशोर सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। श्याम किशोर की अंत्येष्टि पैतृक गांव सुखठा, दीन शाहगौरा में किया गया।इस अवसर पर सपा के वरिष्ठ नेता रामबहादुर यादव, विधायक डॉ मनोज कुमार पांडे, आरपी यादव, भाजपा सलोन विधायक दल बहादुर कोरी, राम सजीवन यादव, जगेश्वर यादव, राजेंद्र यादव,अखिलेश यादव राहुल निर्मल आदि ने पहुंचकर शोक संतृप्त परिवार को ढांढस बंधाया। कृत्य:नायाब टाइम्स
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शहीदों की मगफिरत के लिये दुआ:*माहे रमज़ान के मुबारक महीने में "कोरोना वायरस" से दुनिया में जितने लोग शहीद हुए हैं मैं नायाब अली वल्द मरहूम नवाब अली अल्लाह से गुज़ारिश करता हूँ उन सभी की मग़फ़िरत फरमाए औऱ मेरे अज़ीजो के साथ साथ मेरे खानदान के मरहुमो को जन्नतुल फिरदौस अता करें । *"आमीन"* *मरहूम:* गौहर अली (दादा),नवाब अली (वलीद), व भाइयों सय्यद मुश्ताक़ अहमद, सय्यद मुम्मताज़ अहमद, सय्यद अब्बास (स.), मोहम्मद इस्लाम (ब.), असद अली (भाई) के लिये अल्लाहताआलह से दुआ करता हूँ उनकी मग़फ़ेरत फरमाए... *आमीन*
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*--1918 में पहली बार इस्तेमाल हुआ ''हिन्दू'' शब्द !--* *तुलसीदास(1511ई०-1623ई०)(सम्वत 1568वि०-1680वि०)ने रामचरित मानस मुगलकाल में लिखी,पर मुगलों की बुराई में एक भी चौपाई नहीं लिखी क्यों ?* *क्या उस समय हिन्दू मुसलमान का मामला नहीं था ?* *हाँ,उस समय हिंदू मुसलमान का मामला नहीं था क्योंकि उस समय हिन्दू नाम का कोई धर्म ही नहीं था।* *तो फिर उस समय कौनसा धर्म था ?* *उस समय ब्राह्मण धर्म था और ब्राह्मण मुगलों के साथ मिलजुल कर रहते थे,यहाँ तक कि आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पर राज कर रहे थे,उस समय वर्ण व्यवस्था थी।तब कोई हिन्दू के नाम से नहीं जाति के नाम से पहचाना जाता था।वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य से नीचे शूद्र था सभी अधिकार से वंचित,जिसका कार्य सिर्फ सेवा करना था,मतलब सीधे शब्दों में गुलाम था।* *तो फिर हिन्दू नाम का धर्म कब से आया ?* *ब्राह्मण धर्म का नया नाम हिन्दू तब आया जब वयस्क मताधिकार का मामला आया,जब इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार का कानून लागू हुआ और इसको भारत में भी लागू करने की बात हुई।* *इसी पर ब्राह्मण तिलक बोला था,"क्या ये तेली, तम्बोली,कुणभठ संसद में जाकर हल चलायेंगे,तेल बेचेंगे ? इसलिए स्वराज इनका नहीं मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है यानि ब्राह्मणों का। हिन्दू शब्द का प्रयोग पहली बार 1918 में इस्तेमाल किया गया।* *तो ब्राह्मण धर्म खतरे में क्यों पड़ा ?* *क्योंकि भारत में उस समय अँग्रेजों का राज था,वहाँ वयस्क मताधिकार लागू हुआ तो फिर भारत में तो होना ही था।* *ब्राह्मण की संख्या 3.5% हैं,अल्पसंख्यक हैं तो राज कैसे करेंगे ?* *ब्राह्मण धर्म के सारे ग्रंथ शूद्रों के विरोध में,मतलब हक-अधिकार छीनने के लिए,शूद्रों की मानसिकता बदलने के लिए षड़यंत्र का रूप दिया गया।* *आज का OBC ही ब्राह्मण धर्म का शूद्र है। SC (अनुसूचित जाति) के लोगों को तो अछूत घोषित करके वर्ण व्यवस्था से बाहर रखा गया था।* *ST (अनुसूचित जनजाति) के लोग तो जंगलों में थे उनसे ब्राह्मण धर्म को क्या खतरा ? ST को तो विदेशी आर्यों ने सिंधु घाटी सभ्यता संघर्ष के समय से ही जंगलों में जाकर रहने पर मजबूर किया उनको वनवासी कह दिया।* *ब्राह्मणों ने षड़यंत्र से हिन्दू शब्द का इस्तेमाल किया जिससे सबको को समानता का अहसास हो लेकिन ब्राह्मणों ने समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म की ही रखी।जिसमें जातियाँ हैं,ये जातियाँ ही ब्राह्मण धर्म का प्राण तत्व हैं, इनके बिना ब्राह्मण का वर्चस्व खत्म हो जायेगा।* *इसलिए तुलसीदास ने मुसलमानों के विरोध में नहीं शूद्रों के विरोध में शूद्रों को गुलाम बनाए रखने के लिए लिखा !* *"ढोल गंवार शूद्र पशु नारी।ये सब ताड़न के अधिकारी।।"* *अब जब मुगल चले गये,देश में OBC-SC के लोग ब्राह्मण धर्म के विरोध में ब्राह्मण धर्म के अन्याय अत्याचार से दुखी होकर इस्लाम अपना लिया था* *तो अब ब्राह्मण अगर मुसलमानों के विरोध में जाकर षड्यंत्र नहीं करेगा तो OBC,ST,SC के लोगों को प्रतिक्रिया से हिन्दू बनाकर,बहुसंख्यक लोगों का हिन्दू के नाम पर ध्रुवीकरण करके अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक बनकर राज कैसे करेगा ?* *52% OBC का भारत पर शासन होना चाहिये था क्योंकि OBC यहाँ पर अधिक तादात में है लेकिन यहीं वर्ग ब्राह्मण का सबसे बड़ा गुलाम भी है। यहीं इस धर्म का सुरक्षाबल बना हुआ है,यदि गलती से भी किसी ने ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई तो यहीं OBC ब्राह्मणवाद को बचाने आ जाता है और वह आवाज़ हमेशा के लिये खामोश कर दी जाती है।* *यदि भारत में ब्राह्मण शासन व ब्राह्मण राज़ कायम है तो उसका जिम्मेदार केवल और केवल OBC है क्योंकि बिना OBC सपोर्ट के ब्राह्मण यहाँ कुछ नही कर सकता।* *OBC को यह मालूम ही नही कि उसका किस तरह ब्राह्मण उपयोग कर रहा है, साथ ही साथ ST-SC व अल्पसंख्यक लोगों में मूल इतिहास के प्रति अज्ञानता व उनके अन्दर समाया पाखण्ड अंधविश्वास भी कम जिम्मेदार नही है।* *ब्राह्मणों ने आज हिन्दू मुसलमान समस्या देश में इसलिये खड़ी की है कि तथाकथित हिन्दू (OBC,ST,SC) अपने ही धर्म परिवर्तित भाई मुसलमान,ईसाई से लड़ें,मरें क्योंकि दोनों ओर कोई भी मरे फायदा ब्राह्मणों को ही हैं।* *क्या कभी आपने सुना है कि किसी दंगे में कोई ब्राह्मण मरा हो ? जहर घोलनें वाले कभी जहर नहीं पीते हैं।*
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Upsrtc.: *उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मुख्य महाप्रबंधक (प्रशासनिक) 'वरिष्ठ पी.सी.एस' श्री विजय नारायण पाण्डेय 31 मई को होंगे रिटायर* लखनऊ। उ.प्र. परिवहन निगम के मुख्य महाप्रबंधक (प्रशासनिक) विजय नारायण पांडेय (वरिष्ठ पी.सी.एस.) ने दिनाँक 20 दिसम्बर 2018 को इस पद का पदभार संभाला था और वो 5 महीना 11 दिन की सेवा करने के बाद 31 मई 2019 को विभाग को अच्छी अनुभवी जानकारियां देते हुए अपने पद से रिटायर हो जाएंगे। उनके परिवहन निगम के कार्य कलाप की सभी अधिकारियों ने सराहना की। श्री पांडेय का मत है कि अधिकारी को विभाग के हित में ही काम करना चाहिए। उन्होंने कहा हमारे बास श्री संजीव सरन वरिष्ठ आई.ए.एस., चेयरमैन, श्री धीरज शाहू वरिष्ठ,आई.ए.एस. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, प्रबंध निदेशक राधे श्याम आई.ए.एस. अपर प्रबंध निदेशक से भी हमको कुछ नई जानकारियां मिली जो एक नसीहत ही है। परिवहन निगम के आशुतोष गौड़ स्टाफ ऑफिसर, पर्सनल असिस्टेंट प्रबंध निदेशक व अनवर अंजार (जनसंपर्क अधिकारी, परिवहन निगम) ने भी अपने अधिकारी श्री वी. एन. पाण्डेय की प्रशंसा करते हुए बताया कि पाण्डेय जी के साथ काम करना एक नायाब अनुभव के बराबर है। अब शायद ही ऐसा अधिकारी हमारे बीच आये। - नायाब अली
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