डॉ०राजशेखर आईएएस ने कहा: *प्रिय अधिकारी गण और मीडिया फ्रेंड्स-राजशेखर* लखनऊ, आलम बाग न्यू बस स्टेशन के विजिट के महत्वपूर्ण हाईलाइट्स इस प्रकार हैं...। 1- इस दौरे में आरएम लखनऊ, एआरएम आलमबाग, एसएम, प्राइवेट फर्म (शालीमार) के प्रतिनिधि सेट अप और प्रबंधन कर रहे अन्य अधिकारी भी साथ रहे। 2- आलमबाग न्यू बस स्टेशन उत्तर प्रदेश का "पहला पीपीपी" (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल बस स्टेशन था। इस बस स्टेशन का निर्माण 2016 में शुरू किया गया और जून 2018 में उद्घाटन किया गया। 3- लगभग 1055 बसें संचालित होती हैं। (संयुक्त रूप से यूपीएसआरटीसी और अनुबंधित दोनों )। लगभग 20000 यात्री इस बस स्टेशन की सेवाओं का उपयोग करते हैं। इस बस स्टेशन से ज्यादातर लंबी दूरी की यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली आदि के विभिन्न गंतव्यों तक की सभी बसें जाती हैं। और इस बस स्टेशन से अधिकांश एसी बसें भी चलती हैं। 4- चूंकि यह यूपी का पहला पीपीपी मॉडल बस स्टेशन था, इसलिए इसका प्रदर्शन अच्छा है। जनता /यात्रियों को "सर्वश्रेष्ठ सेवाएं" सुनिश्चित करने के लिए यूपीएसआरटीसी और शालीमार द्वारा संयुक्त रूप से कुछ समस्याओं/ मुद्दों का निदान करना है। 6- इस बस स्टेशन के बारे में सकारात्मक बातें हैं: यह बहुत विशाल है, काफी अधिक संचलन क्षेत्र, पार्किंग का पर्याप्त स्थान, मॉल, फूड कोर्ट, वाणिज्यिक दुकानें एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं। मेट्रो सेवाओं के साथ आसान कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण है। 6- प्रमुख मुद्दे / समस्याएं जिनका यात्री, पब्लिक और यूपीएसआरटीसी के स्टाफ/ कर्मचारी सामना कर रहे हैं: ए - आंतरिक सुरक्षा प्रणाली जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और विभिन्न अनिवार्य गतिविधियों जैसे प्रवेश / निकास प्वाइंट की जांच, बैगों की स्कैनिंग, फिजीशियन डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) जांच और फ्रिस्किंग आदि सुव्यवस्थित होना चाहिए। बी- एयर कंडीशनिंग 24 घंटे के लिए उपलब्ध नहीं है। एग्रीमेंट के अनुसार, यह 12 घंटे (कार्यालय) और 16 घंटे (काउंटर बुकिंग के लिए) के लिए है। कार्य का कुशल आउटपुट" और कार्य प्रदर्शन" एयर कंडीशनिंग सिस्टम "का 24 घंटे काम करना अनिवार्य है। ग- बसों के प्रवेश बिंदु पर "बूम बैरियर" (जो कि बसों की पार्किंग के लिए बस डक के स्थान का आवंटन सुनिश्चित करेगा, जिसे सार्वजनिक सूचना प्रणालियों पर प्रदर्शित किया जाएगा) पिछले लगभग 5 महीनों से काम नहीं कर रहा है। 7- उपरोक्त मुद्दों को देखते हुए, एमडी ने यूपीएसआरटीसी के अपर प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता सीजीएम (संचालन), जीएम (पीपीपी), आरएम लखनऊ, एआरएम आलमबाग और शालीमार के दो प्रतिनिधियों की समन्वय समिति गठित की है। जो नियमित रूप से बैठकों में इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल करेंगी। अगले सप्ताह में 31 जुलाई तक उपरोक्त मुद्दों को हल करने के लिए पहली बैठक आयोजित की जाएगी। 8- एमडी ने शालीमार को बूम बैरियर सिस्टम की मरम्मत और कार्यात्मक बनाने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया, ताकि यात्रियों को उनके बस और बस डक क्षेत्र की आसानी से पहचान करने में मदद मिले। इससे बस स्टेशन में प्रत्येक बस के प्रवेश और निकास पर नज़र रखने में भी यूपीएसआरटीसी को मदद मिलेगी। यूपीएसआरटीसी का "आलमबाग न्यू बस स्टेशन" को प्रस्तावित नए पीपीपी बस स्टेशनों सहित अन्य सभी बस स्टेशनों के लिए "आदर्श बस स्टेशन" के रूप में विकसित करने का इरादा है। 9- एमडी ने कुछ बसों का निरीक्षण कर स्पीड कंट्रोल डिवाइस (एससीडी), वाहन ट्रैकिंग सिस्टम और मेडिकल किट जैसे आवश्यक सिस्टम की जांच की। उन्होंने ड्राइवरों और कंडक्टरों से बातचीत की और स्वास्थ्य जांच, ड्रेस कोड, मेडिकल किट आदि के बारे में उनकी प्रतिक्रिया ली: ए- मेडिकल किट कुछ बसों में उपलब्ध थे और कुछ बसों में गायब थे। एमडी ने अन्य बसों में भी इसे सुनिश्चित करने के लिए आरएम और एआरएम को निर्देशित किया। बी- लंबे रूट की बसों के 208 बस ड्राइवरों में से 68 ड्राइवरों का मेडिकल टेस्ट और आंखों का चेकअप पूरा हो चुका है और बाकी काम 31 जुलाई तक पूरा हो जाएगा। सी- लंबी दूरी की 80 प्रतिशत बसों में वाहन ट्रैकिंग सिस्टम कार्यात्मक है, आरएम ने एमडी को आश्वासन दिया है कि शेष 20 प्रतिशत बसों में 31 जुलाई तक मरम्मत कराने के बाद क्रियाशील बना दिया जाएगा डी- गति नियंत्रण उपकरणों (एससीडी) में से कई रिपेयरिंग में हैं और इसकी मरम्मत / प्रतिस्थापन में काफी लंबा समय लग रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आपूर्ति, रखरखाव और मरम्मत के लिए जिम्मेदार फर्म / कंपनी जवाब नहीं दे रही है और मरम्मत / प्रतिस्थापन की सेवाओं का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। एमडी ने इसे गंभीरता से लेते हुए रिपेयरिंग और रखरखाव का दायित्व उठा रही फर्म को "ब्लैक लिस्ट" करने की शो-काज नोटिस जारी किया है। एमडी ने यूपीएसआरटीसी मुख्यालय से संबंधित अधिकारियों को दैनिक आधार पर इसके सख्त अनुपालन का निर्देश दिया, साथ ही सभी लंबी दूरी की बसों में 31 जुलाई तक पूरी तरह कार्यात्मक एससीडी होना सुनिश्चित करें। ई- अधिकांश ड्राइवर और कंडक्टर वर्दी में थे, लेकिन उनमें से अधिकांश ने न तो जूते पहने थे, न ही नाम / पदनाम का बैज लगाए थे। एमडी ने उपरोक्त खामियों के लिए एआरएम और आलमबाग बस स्टेशन के स्टेशन प्रभारी को "लिखित चेतावनी" जारी की और उनसे व्यक्तिगत रूप से कमियों की निगरानी करने एवं सभी लंबी दूरी के वाहनों में 31 जुलाई तक और बाकी बसों में 30 अगस्त तक विशेष रूप से वीटीएस, एससीडी, मेडिकल किट, ड्रेस कोड आदि का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। एमडी ने सभी आरएम / एसएम / एआरएम को 31 जुलाई तक सभी ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए सुझाव के अनुसार उचित ड्रेस कोड सुनिश्चित करने और मासिक आधार पर इसकी मासिक निगरानी रिपोर्ट करने के लिए लिखित आदेश जारी किया। ---------- धन्यवाद डा. राज शेखर एमडी यूपीएसआरटीसी


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प०राम प्रसाद बिस्मिल जी हज़रो नमन: *“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” : कब और कैसे लिखा राम प्रसाद बिस्मिल ने यह गीत!* राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का नाम कौन नहीं जानता। बिस्मिल, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षडयंत्र व काकोरी-कांड जैसी कई घटनाओं मे शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। भारत की आजादी की नींव रखने वाले राम प्रसाद जितने वीर, स्वतंत्रता सेनानी थे उतने ही भावुक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू उपनाम था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है ‘गहरी चोट खाया हुआ व्यक्ति’। बिस्मिल के अलावा वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। *राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की तरह अशफ़ाक उल्ला खाँ भी बहुत अच्छे शायर थे। एक रोज का वाकया है अशफ़ाक, आर्य समाज मन्दिर शाहजहाँपुर में बिस्मिल के पास किसी काम से गये। संयोग से उस समय अशफ़ाक जिगर मुरादाबादी की यह गजल गुनगुना रहे थे* “कौन जाने ये तमन्ना इश्क की मंजिल में है। जो तमन्ना दिल से निकली फिर जो देखा दिल में है।।” बिस्मिल यह शेर सुनकर मुस्करा दिये तो अशफ़ाक ने पूछ ही लिया- “क्यों राम भाई! मैंने मिसरा कुछ गलत कह दिया क्या?” इस पर बिस्मिल ने जबाब दिया- “नहीं मेरे कृष्ण कन्हैया! यह बात नहीं। मैं जिगर साहब की बहुत इज्जत करता हूँ मगर उन्होंने मिर्ज़ा गालिब की पुरानी जमीन पर घिसा पिटा शेर कहकर कौन-सा बड़ा तीर मार लिया। कोई नयी रंगत देते तो मैं भी इरशाद कहता।” अशफ़ाक को बिस्मिल की यह बात जँची नहीं; उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा- “तो राम भाई! अब आप ही इसमें गिरह लगाइये, मैं मान जाऊँगा आपकी सोच जिगर और मिर्ज़ा गालिब से भी परले दर्जे की है।” *उसी वक्त पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने यह शेर कहा* “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजु-कातिल में है?” यह सुनते ही अशफ़ाक उछल पड़े और बिस्मिल को गले लगा के बोले- “राम भाई! मान गये; आप तो उस्तादों के भी उस्ताद हैं।” आगे जाकर बिस्मिल की यह गज़ल सभी क्रान्तिकारी जेल से पुलिस की गाड़ी में अदालत जाते हुए, अदालत में मजिस्ट्रेट को चिढ़ाते हुए और अदालत से लौटकर वापस जेल आते हुए एक साथ गाया करते थे। बिस्मिल की शहादत के बाद उनका यह गीत क्रान्तिकारियों के लिए मंत्र बन गया था। न जाने कितने क्रांतिकारी इसे गाते हुए हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। पढ़िए राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखा गया देशभक्ति से ओतप्रोत यह गीत – सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ! हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में है। अब न अगले वल्वले हैं और न अरमानों की भीड़, एक मिट जाने की हसरत अब दिले-‘बिस्मिल’ में है । ए शहीद-ए-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है। खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हाथ जिनमें हो जुनूँ , कटते नही तलवार से, सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से, और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है , सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हम तो निकले ही थे घर से बाँधकर सर पे कफ़न, जाँ हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम। जिन्दगी तो अपनी महमाँ मौत की महफ़िल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार, “क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है?” सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब, होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज। दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है! सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। जिस्म वो क्या जिस्म है जिसमें न हो खूने-जुनूँ, क्या वो तूफाँ से लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। पं० राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ उनके इस लोकप्रिय गीत के अलावा ग्यारह वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में बिस्मिल ने कई पुस्तकें भी लिखीं। जिनमें से ग्यारह पुस्तकें ही उनके जीवन काल में प्रकाशित हो सकीं। ब्रिटिश राज में उन सभी पुस्तकों को ज़ब्त कर लिया गया था। पर स्वतंत्र भारत में काफी खोज-बीन के पश्चात् उनकी लिखी हुई प्रामाणिक पुस्तकें इस समय पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। 16 दिसम्बर 1927 को बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय (अन्तिम समय की बातें) पूर्ण करके जेल से बाहर भिजवा दिया। 18 दिसम्बर 1927 को माता-पिता से अन्तिम मुलाकात की और सोमवार 19 दिसम्बर 1927 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर गोरखपुर की जिला जेल में उन्हें फाँसी दे दी गयी। राम प्रसाद बिस्मिल और उनके जैसे लाखो क्रांतिकारियों के बलिदान का देश सद्येव ऋणी रहेगा! जय हिन्द !
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चारबाग़ बस स्टेशन मनोज: *चारबाग बस स्टेशन से जाम भागा रख रखवा में भी नई तरतीब* लखनऊ,चारबाग बस स्टेशन लखनऊ पर अब जाम नहीं लगने दूँगा ये बात एक भेंट में ने जानकारी दी और अपने स्टाफ को सचेत किया। मनोज कुमार श्रीवास्तव के पदभार ग्रहण करते ही क्षेत्रीय एवं शहरी जनता बेहिचक होकर इधर से उधर जाते है। जांच करने पर पता चला है कि बस स्टेशन चारबाग में मुख्यालय से आए तेजतर्रार मनोज कुमार श्रीवास्तव (सहा.क्षे.प्र.) प्रबंधन के दिशा निर्देश के कारण चारबाग बस स्टेशन पर लगने वाला भयानक जाम अब नहीं जिससे क्षेत्रीय जनता व यात्रियों ने राहत महसूस किया और मनोज कुमार श्रीवास्तव व उनकी सहायिका श्रीमती जमीला (एस.एस.आई.)एवं टीम के कार्य करने के तरीकों की प्रशंसा करते नज़र आने लगे। कृत्य: नायाब टाइम्स
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शहीदों की मगफिरत के लिये दुआ:*माहे रमज़ान के मुबारक महीने में "कोरोना वायरस" से दुनिया में जितने लोग शहीद हुए हैं मैं नायाब अली वल्द मरहूम नवाब अली अल्लाह से गुज़ारिश करता हूँ उन सभी की मग़फ़िरत फरमाए औऱ मेरे अज़ीजो के साथ साथ मेरे खानदान के मरहुमो को जन्नतुल फिरदौस अता करें । *"आमीन"* *मरहूम:* गौहर अली (दादा),नवाब अली (वलीद), व भाइयों सय्यद मुश्ताक़ अहमद, सय्यद मुम्मताज़ अहमद, सय्यद अब्बास (स.), मोहम्मद इस्लाम (ब.), असद अली (भाई) के लिये अल्लाहताआलह से दुआ करता हूँ उनकी मग़फ़ेरत फरमाए... *आमीन*
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स्पोर्ट्समैन जाफ़र के सम्मान में क्रिकेट मैच: *जाफ़र मेहदी वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी कैसरबाग डिपो कल 30 नवम्बर 2020 सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएगे उनके सम्मान में क्रिकेट मैच परिवहन निगम ने आयोजित किया* लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के स्पोर्ट्समैन जाफ़र मेहंदी जो 30 नवम्बर 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे को "मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन" सन्तोष कुमार दूबे "वरि०पी०सी०एस०" द्वारा उनके सम्मान में क्रिकेट मैच आयोजित कर उनका सम्मान किया जायेगा , जिसमें एहम किरदार पी०आर०बेलवारिया "मुख्य महाप्रबंधक "संचालन" व पल्लव बोस क्षेत्रीय प्रबन्धक-लखनऊ एवं प्रशांत दीक्षित "प्रभारी स०क्षे०प्रबन्धक" हैं जो * अवध बस स्टेशन कमता लखनऊ* के पद पर तैनात हैं , इस समय *कैसरबाग डिपो* के भी "प्रभारी स०क्षे०प्र०" हैं। कैसरबाग डिपो के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जाफ़र मेहदी साहब दिनाँक,30 नवम्बर 2020 को कल सेवानिवृत्त हो जायेगे। जाफ़र मेहदी साहब की भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत 1987 में परिवहन निगम में हुई थी। जो पछले तीन सालो से दो धारी तलवार के चपेट कि मार झेल रहे थे अब आज़ादी उनके हाथ लगी मेंहदी साहब नायाब ही नहीं तारीफे काबिल हैं उनकी जितनी भी बड़ाई की जाय कम हैl कृत्य:नायाब टाइम्स
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जाफ़र मेहंदी की बल्ले बल्ले: * परिवहन निगम के वरिष्ठ खिलाड़ी जाफर मेंहदी के सम्मान में एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया। मैच के मुख्य अतिथि एस के दुबे "मुख्य प्रधान प्रबन्धक प्रशासन"* लखनऊ,आज दिनांक 29 नवम्बर 2020 को कॉल्विन क्रिकेट ग्राउंड पर परिवहन निगम के वरिष्ठ खिलाड़ी जाफर मेंहदी के सम्मान में एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया । इस मैच के मुख्य अतिथि एस के दुबे (मुख्य प्रधान प्रबंधक प्रशासन) थे । मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक जयदीप वर्मा एवं प्रधान प्रबंधक संचालक सुनील प्रसाद भी मौजूद रहे । इस मैच में परिवहन निगम मुख्यालय ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए योगेंद्र सेठ की 79 रन की शानदार पारी की बदौलत 20 ओवर में 141 रन बनाए । जवाब में खेलने उतरी कैसरबाग डिपो की टीम ने सुनील मिश्रा के नाबाद 51 व नितेश श्रीवास्तव के 25 रन की बदौलत 19.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया । मुख्यालय की तरफ से मनोज श्रीवास्तव ने दो व जयदीप वर्मा ने एक विकेट लिया । कैसरबाग की तरफ से रजनीश मिश्रा ने 4 ओवरों में 17 रन देकर एक विकेट , नितेश श्रीवास्तव ने एक विकेट लिया । अंत में प्रधान प्रबंधक प्रशासन ने *जाफर मेहंदी* को सम्मानित किया । *योगेंद्र सेठ* को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया । मुख्यालय की तरफ से टीम का नेतृत्व जयदीप वर्मा व कैसरबाग डिपो की तरफ से टीम का नेतृत्व शशिकांत सिंह ने किया । कृत्य:नायाब टाइम्स
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